हावड़ा से कालीघाट का रास्ता, Howrah se Kalighat ka Rasta गूगल Map के साथ

“हावड़ा से कालीघाट का रास्ता” एक अनूठी यात्रा है जो आपको पश्चिम बंगाल की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व की ओर ले जाती है। यह यात्रा आपके मन को शांत करेगी और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद देगी। तो यह यात्रा एक जीवन भर का अनुभव है, जो आपके दिल पर गहरी छाप छोड़ेगा।

हावड़ा शहर

पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित हावड़ा एक औद्योगिक शहर है और यह पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इसे कालीघाट काली मंदिर के लिए भी जाना जाता है। यह मंदिर 18वीं शताब्दी में 1809 में निर्मित हुआ था और यह माता के 51 विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है। दुनियाभर से हजारों लोग काली माता के मंदिर की दर्शनीयता के लिए हावड़ा से कालीघाट जाते हैं, लेकिन उन्हें रास्ता पता नहीं होता। आइए, हम आपको बताते हैं कि हावड़ा से कालीघाट का रास्ता।

कालीघाट शहर

कालीघाट हवड़ा, पश्चिम बंगाल भारत में धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह स्थान मां काली के मंदिर के लिए जाना जाता है, जो भारतीय धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। कालीघाट को देखने और मां काली से आशीर्वाद पाने के लिए लाखों लोग यहां आते हैं।

हावड़ा से कालीघाट का रास्ता

हावड़ा से कालीघाट की दूरी लगभग 15 किलोमीटर की है। यदि आप नेशनल हाईवे क्रमांक 12 का उपयोग करते हैं, तो यह एक अच्छा रास्ता है। दूसरा विकल्प नेशनल हाईवे क्रमांक 12 और Belvedere Rd का है, जिसकी दूरी 14.5 किलोमीटर है। तीसरा रास्ता NH12 और Ashutosh Mukherjee Rd पर जाता है। इन तीनों रास्तों पर टोल लगता है और कुछ प्रतिबंधित और निजी सड़कें भी हैं। आप किसी भी विकल्प का चयन कर सकते हैं, लेकिन अधिकांश लोग नेशनल हाईवे क्रमांक 12 का उपयोग करने का पसंद करते हैं, क्योंकि इससे केवल 29 मिनट की यात्रा लगती है। जबकि शेष दो विकल्पों पर यात्रा करने में 30 मिनट से अधिक समय लग सकता है।

हावड़ा से कालीघाट का रास्ता
हावड़ा से कालीघाट का रास्ता
हावड़ा से कालीघाट का रास्ता के आने वाले भ्रमणीय स्थल
  • मांडरमोनी द्वीप – मांडरमोनी द्वीप एक सुंदर समुंदर किनारे का स्थल है जो रास्ते पर स्थित है। यह द्वीप समुंदर का किनारा, समुंदरी जीवन, और समुंदर किनारे का रोमांचक वातावरण प्रदान करता है।
  • शंकरपुर – शंकरपुर एक इतिहास से भरपूर स्थल है जो रास्ते पर स्थित है। यह स्थान बंगाल के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाया था। शंकरपुर में स्थित संकरेश्वर मंदिर और स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित महत्वपूर्ण स्थल हैं।
  • तारकेश्वर मंदिर – तारकेश्वर मंदिर बंगाल की एक धार्मिक श्रृंखला में स्थित है। इस मंदिर को बंगाली संस्कृति में महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एक प्राचीन मंदिर है जिसमें भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है।
  • कालीघाट मंदिर- कालीघाट मंदिर बंगाल का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो शक्ति देवी काली को समर्पित है। यह मंदिर हर साल नवरात्रि के दौरान लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।
हावड़ा से कालीघाट का रास्ता मेट्रो से

हावड़ा से कालीघाट तक, जगह-जगह बस के साथ-साथ मेट्रो ट्रेन भी उपलब्ध है। कालीघाट पहुंचने के लिए कोलकाता मेट्रो सबसे आसान और बजट-फ्रेंडली विचार का है। आप हावड़ा से कालीघाट जाने के लिए लाइन 1 (उत्तर-दक्षिण) में सवार हो सकते हैं, जिसमें लगभग 30 मिनट का समय लगता है। कालीघाट मेट्रो स्टेशन मंदिर के बहुत पास है।

Conclusion

बंगालियों के लिए हावड़ा से कालीघाट का मार्ग बहुत महत्वपूर्ण है। स्थानीय लोगों को इस मार्ग की स्थापना से न सिर्फ संचार की सुविधा मिलेगी बल्कि उनकी आर्थिक और सांस्कृतिक सुरक्षा भी मिलेगी। अगर हमारा बताया हुआ हावड़ा से कालीघाट का रास्ता अच्छा लगा तो हमें कमेंट में ज़रूर बताये।

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