Chandrayaan 3 से पहले रूस का Luna-25 उतरेगा चाँद की धरती पर, आखिर क्या है दोनों का चाँद पर जाने का मकसद

Chandrayaan 3: नासा का आर्टेमिस और चीन का चांग-ई 6 मिशन, साथ ही जापान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी भी Chandrayaan 3 और Luna-25 के बाद मून मिशन पर जाने के लिए लाइन में है।

Chandrayaan 3 डी ओर्बिटिंग कर रहा है, यानी धीरे-धीरे चांद की सतह के पास जा रहा है, और चांद की सतह छूने के लिए तैयार है। साथ ही रूस का लूना-25 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि Luna 25, chandrayaan 3 से पहले उतरेगा। विशेष बात यह है कि दोनों मिशन चांद के दक्षिणी पोल पर उतरेंगे। यह मून मिशनों के इतिहास में पहली बार होगा जब कोई स्पेस क्राफ्ट चांद के दक्षिणी पोल पर उतरेगा।

सिर्फ Chandrayaan 3, Luna 25 ही नहीं, दुनिया भर की कई स्पेस एजेंसियां चांद पर पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं। चंद्रयान-3 की यात्रा में नासा का आर्टेमिस मिशन, चीन का चांग-ई मिशन, जापान, यूरोप, स्पेस एक्स और ब्लू ओरिजन का मून मिशन शामिल हैं। अंतरिक्ष विज्ञानीक मानते हैं कि मंगल ग्रह पर पहुंचने के लिए चांद को एक बेस के तौर पर इस्तेमाल करना एक महत्वपूर्ण कारण है। यही कारण है कि स्पेस एजेंसियां पानी, खनिज और ऑक्सीजन की खोज में लगी हुई हैं, ताकि चांद पर एक ऐसा बेस बनाया जा सके जो मंगल और अन्य ग्रहों पर पहुँचने में आसानी देगा।

मंगल ग्रह, चांद पर होड़ की वजह

स्पेस में मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना खोजी जा रही है , 1960 से अब तक मंगल के लिए कई मिशन शुरू किए गए हैं, जिनमें अमेरिका और रूस सबसे पहले हैं. भारत, चीन और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी भी इनमें शामिल हैं। अंतरिक्ष विज्ञानीक मानते हैं कि दुनिया भर की कई अंतरिक्ष एजेंसियों ने मंगल ग्रह पर नज़र रखी है, लेकिन धरती से बहुत दूर होने के कारण कुछ ही मिशन सफल हुए हैं। अंतरिक्ष एजेंसियां इसे एक बेस के रूप में प्रयोग करना चाहते हैं जब चंद्रमा धरती और मंगल ग्रह के बीच से गुजरता है।

चांद पर होड़ के ये भी है कारण

सिर्फ बेस बनाना ही नहीं, चांद पर पहुंचने की होड़ में पानी की खोज भी महत्वपूर्ण है, दरअसल, माना जाता है कि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पानी और ऑक्सीजन हो सकते हैं; अगर ऐसा है तो वहाँ खेती और जीवन बसाया जा सकता है। यह भी माना जाता है कि सोना, टाइटेनियम, प्लेटिनम और यूरेनियम जैसे खनिज चांद की सतह पर हो सकते हैं, जो किसी भी देश को अमीर बना सकते हैं।

चांद पर पहुंचने का तीसरा कारण वर्चस्व बनाना भी है, अमेरिका और रूस इसमें सबसे आगे हैं, लेकिन चीन भी पीछे नहीं रहना चाहता है, और भारत भी अपनी ताकत का निरंतर प्रदर्शन करता रहता है।

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