Himachal: पिछले 24 घंटे में हिमाचल में हुई 43 मौत, एक ही परिवार के 7 लोगों की गयी जान

Himachal: दो दिन से हिमाचल प्रदेश में तेज बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटे में लैंडस्लाइड, बादल फटने और बारिश से 43 लोग मारे गए। मौसम विभाग ने 16 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

घटना को पुरे विस्तार से जानिये

शिमला के समरहिल इलाके में स्थित शिव बावड़ी मंदिर भारी बारिश की वजह से भूस्खलन की चपेट में आ गया, 25 से अधिक लोग मलबे में दफ़न हो गए। दो बच्चों सहित अब तक आठ शव निकाले गए हैं। शेष की खोज जारी है।

बारिष की वजह से बचाव कार्य में आ रही है परेशानी

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मंदिर में लगातार बारिश से बचाव कार्य मुश्किल हो गया है। पत्थर अभी भी पहाड़ी से गिर रहे हैं। मंदिर पर चार से पांच पेड़ गिर गए, जिसकी वजह से मंदिर मलबे में बदल गया है। इससे अधिक नुकसान हुआ है। रेस्क्यू में एसडीएफ, ITBP, पुलिस और स्थानीय लोग शामिल हैं। मलबा जेसीबी मशीन से निकाला जा रहा है।

जानिये वहां फसे कुछ लोगों की कहानी

4 भतीजे मंदिर में बनाने गए थे खीर: समरहिल क्षेत्र के एक किशोर पुजारी ने बताया कि उनके चार भतीजे भी मंदिर में फंसे हुए हैं। उनका कहना था कि कुछ लोग मंदिर के अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए फोन कर रहे हैं। यह जानकारी नहीं है कि यह सच्चाई है या अफवाह। उन्हें बताया गया कि आज सावन का अंतिम सोमवार है और मंदिर में हर साल 15 अगस्त को भंडारा होता है। इसलिए भी मंदिर में उनके भतीजे सहित छह-सात लोग खीर बनाने के लिए मौजूद थे।

सामान घर भूलने से बची जान: शिव मंदिर में खीर बनाने आए नरेश ने कहा कि जब वह सुबह मंदिर पहुंचा तब सब कुछ ठीक था। वह घर पर कुछ सामान भूल गया। मंदिर से वापस घर चला गया। जब वह घर पर पहुंचा तो लैंडस्लाइड शुरू हुआ और तबाही का दृश्य उन्होंने खुद देखा। उसने कहा कि हादसे के समय मंदिर में दो कारपेंटर, एक नेपाली और कुछ लोग थे। नेपाली को स्थानीय लोगों ने उसी समय मलबे से निकाल दिया। मंदिर में भी कुछ लोग फंसे हुए हैं।

CM ने किया घटनास्थल का दौरा

मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश(himachal) सुखविंदर सिंह सुक्खू भी घटनास्थल पर पहुंचे। उनका कहना था कि स्थानीय प्रशासन मलबे को हटाने की कोशिश कर रहा है। फंसे लोगों को निकला जा रहा है। उधर, CM के मीडिया एडवाइजर नरेश चौहान ने कहा कि दस से पंद्रह लोगों के फंसे होने की आशंका है।

पहाड़ों की वर्टिकल कटाई, अधिक बारिश से तबाही

हिमाचल प्रदेश (himachal) के उद्योग विभाग के जियोलॉजिस्ट अतुल शर्मा ने बताया कि सड़कों के लिए पहाड़ों का वर्टिकल कटिंग की जा रही है। इससे भी अधिक क्षति हो रही है। इसी कारण चंडीगढ़-शिमला फोरलेन और चंडीगढ़-मनाली फोरलेन हाईवे के किनारे सबसे अधिक क्षति हुई है।

इस बार हालात हैवी रेनफॉल से बदतर हो गए हैं। अप्रैल से हिमाचल में लगातार बारिश हो रही है। इससे जमीन की नमी बढ़ी है। ऐसे में ताजा बारिश होते ही नुकसान हो रहा है।

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CM ने घोषणा की कि स्वतंत्रता दिवस पर कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे

CM सुखविंदर ने घोषणा की कि प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस पर कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। इस दौरान शहीदों को केवल ध्वजारोहण करके श्रद्धांजलि दी जाएगी।

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टिहरी टनल में फंसे 114 लोगों को बाहर निकाला गया

टिहरी के शिवपुरी में पानी भरने से इंजीनियर और कर्मचारी फंस गए। शिवपुरी की एलएंडटी कंपनी के मैनेजर अजय प्रताप सिंह ने पुलिस को सूचना दी। टनल में चार फीट पानी भर गया था, जिसस ३०० फीट अंदर लोग फंस गए। 114 लोगों को पोकलेन मशीन से मलबा हटाकर बाहर निकाला गया।

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