जी-20 शिखर सम्मेलन 2023: क्या है G20 और कौन-कौन से देश है इसमें शामिल, जाने जी-20 के बारे में सब कुछ

जी-20 शिखर सम्मेलन 2023: इस वर्ष, भारत जी-20 का अध्यक्षता कर रहा है। राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को यह सम्मेलन हो रहा है। यह जी-20 की 18वीं बैठक हो रही है। इस आयोजन का मेन स्थल प्रगति मैदान, दिल्ली है, जो भारत मंडपम के रूप में सजा हुआ है। वीवीआईपी के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। एयरपोर्ट से लेकर होटल और कार्यक्रम स्थल तक का दृश्य खुदबखुद आकर्षक है। इस दौरान, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं। लोग आवाज़ कर रहे हैं कि आखिरकार G-20 क्या है और इसके लिए भारत इतनी तैयारी क्यों कर रहा है? इस रिपोर्ट में हम इसे समझेंगे।

जी-20 को ‘ग्रुप ऑफ ट्वेंटी’ भी कहा जाता है। इस समूह में 19 देश सदस्य हैं, और इस ग्रुप का 20वां सदस्य यूरोपियन यूनियन है। G-20 समिट साल में एक बार होती है और यह विश्व का महत्वपूर्ण ग्लोबल मंच माना जाता है। आधिकारिक जी-20 वेबसाइट के अनुसार, यह संगठन वैश्विक बाजार में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है और तकरीबन दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।

जी-20 में कौन-से देश शामिल है?

  1. अर्जेंटीना
  2. ऑस्ट्रेलिया
  3. ब्राज़ील
  4. कनाडा
  5. चीन
  6. फ्रांस
  7. जर्मनी
  8. भारत
  9. इंडोनेशिया
  10. इटली
  11. जापान
  12. रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया
  13. मेक्सिको
  14. रूस
  15. सऊदी अरब
  16. दक्षिण अफ्रीका
  17. तुर्किए
  18. यूनाइटेड किंगडम
  19. अमेरिका
  20. यूरोपियन यूनियन

जी-20 शिखर सम्मेलन 2023

जी-20 कब बना?

जी-20 समूह का नाम पहले ‘जी-7’ था। इस समूह में अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, इटली, फ्रांस, जापान, और ब्रिटेन शामिल थे। 1998 में, इस समूह में और भी सदस्य शामिल किए गए जब रूस को भी इसका हिस्सा बनाया गया। इसके बाद, इस समूह को ‘जी-8’ के नाम से जाना जाने लगा। फिर, 1999 में हुई एक बैठक में इस समूह को ‘G-20’ बनाने का फैसला किया गया। यह बैठक बर्लिन, जर्मनी, में हुई थी और इसमें आधिकारिक रूप से जी-20 को बना दिया गया।

साल 2007 में, वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के बाद, इस संगठन को राष्ट्रप्रमुखों के स्तर का दर्जा दिलवाया गया। इसके बाद, G-20 की पहली बैठक अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में हुई। उसके बाद, समूह की वैश्विक महत्व को समझते हुए हर साल इसकी बैठक की जाने लगी।

अलग -अलग देश करते है अध्यक्षता

सालाना जी-20 की बैठक की अध्यक्षता एक देश करता है। इंडोनेशिया पिछले साल जी-20 का अध्यक्ष था। इस साल भारत ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली है। ब्राजील अगले साल जी-20 की अध्यक्षता करेगा।

G-20 किस काम के लिए बनाया गया है ?

जी-20 का मुख्य उद्देश्य आर्थिक सहयोग और वित्तीय स्थिरता का होता है, लेकिन समय के साथ, इसमें व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट, स्वास्थ्य और कृषि संबंधी मुद्दें भी शामिल की गई हैं। G-20 समूह के अंतर्गत, दो स्तरों पर बातचीत होती है। पहले स्तर को ‘फाइनेंसियल ट्रैक’ कहा जाता है, जिसमें वित्त मंत्रियों के बीच चर्चा होती है, और इसमें केंद्रीय बैंक के गवर्नर भी शामिल होते हैं।

दूसरे स्तर को ‘शेरपा ट्रैक’ कहा जाता है, जिसमें अलग-अलग देशों की सरकारें अपने शेरपा को नियुक्त करती हैं। भारत सरकार ने अपने शेरपा के रूप में अमिताभ कांत को चुना है। बता दें कि G-20 देशों की जीडीपी में 85 फीसदी की हिस्सेदारी G-20 देशों की है, और व्यापार में भी 75 फीसदी की हिस्सेदारी है।

नए देशों को भी आमंत्रित किया जाता है

जी-20 की बैठक में, इन 20 सदस्य देशों के साथ-साथ, कई अन्य देशों को भी आमंत्रित किया जाता है। इस साल, भारत ने 9 अतिथि देशों को जी-20 की बैठक में आमंत्रित किया है। इनमें बांग्लादेश, मिस्र, मॉरिशस, नीदरलैंड्स, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, और यूएई शामिल हैं। इसके अलावा, यूनाइटेड नेशंस, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड, वर्ल्ड बैंक, वर्ल्ड हेल्थ ऑरगेनाइजेशन, और वर्ल्ड ट्रेड ऑरगेनाइजेशन जैसे संगठन भी नियमित रूप से जी-20 की बैठक में शामिल होते हैं।

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