बिजली का आविष्कार किसने किया, और भारत में किस शहर में पहली बार पहुंची थी बिजली

बिजली का आविष्कार किसने किया

कई लोग बिजली के आविष्कार के पीछे कई वैज्ञानिकों का योगदान बताते हैं, लेकिन बहुत सारे लोग मानते हैं कि बिजली के आविष्कार का मुख्य क्रेडिट बेंजामिन फ्रैंकलिन को जाता है। कहा जाता है कि उनके दौर में विज्ञानिक शोधन की भावना थी और उन्हें विभिन्न विज्ञान विषयों में रुचि थी।(बिजली का आविष्कार किसने किया)

बिजली का आविष्कार किसने किया

आजकल देश के अधिकांश हिस्सों में बिजली की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। शहरों के साथ-साथ गांवों में भी अब बिजली की रौशनी चमक रही है। परंतु कुछ समय पहले, बिजली की आपूर्ति देश में बहुत कम थी। तब पहली बार एक शहर ने बिजली की आपूर्ति प्रारंभ की थी, जिससे उसकी रौशनी फैली। हम इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं कि भारत में सबसे पहले किस शहर में बिजली पहुंची थी। हालांकि पहली बार सड़क की बत्ती देश के दूसरे शहर में जली थी, जो कि न केवल भारत में बल्कि एशिया के किसी अन्य शहर में भी नहीं थी।

इस शहर में जगी थी पहली लाइट

कोलकाता (पूर्व में कलकत्ता) को भारत में पहली बार बिजली की सुविधा मिली थी। इस शहर में पहली बार बिजली की आपूर्ति 1979 में हुई थी और फिर 1981 में दूसरी बार बिजली की आपूर्ति शुरू हुई। इसके अलावा, एशिया में पहली बार इलेक्ट्रिक स्ट्रीट लाइट 5 अगस्त 1905 को बैंगलोर में जलाई गई थी।

भारत में पहली बार पानी से बिजली उत्पादन

भारत में पहली बार पानी से बिजली उत्पादन का आरंभ 1897 में हुआ था। उस समय दार्जिलिंग नगर पालिका के लिए सिद्रापोंग में पानी से बिजली उत्पादन केंद्र स्थापित किया गया था। यह बात खासकर महत्वपूर्ण है कि यह केंद्र दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल राज्य के अंतर्गत आता है।

अब बिजली उत्पादन में काफी आगे भारत

कभी ऐसा समय था जब देश में बड़े शहरों से लेकर गांवों तक बिजली की सुविधा मिलाने में कई समस्याएं थी। लेकिन आजकल भारत दुनिया के शीर्ष बिजली उत्पादक देशों में से एक है। हमारे देश में पानी, तापीय, परमाणु, सोलर और पवन ऊर्जा के साथ-साथ अन्य उपायों से बिजली का उत्पादन किया जाता है। इसके लिए भारत सरकार ने गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए कई सरकारी योजनाएं चलाई हैं।

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