हरियाणा के सिरसा में घग्गर नदी का मुख्य बांध टूटा, तबाही का खतरा फिर बढ़ा

सिरसा में मल्लेवाला के पास घग्गर नदी का मुख्य बांध टूटा। ग्रामीण बांध टूटने की खबर सुनकर बेहोश हो गए। वे गांव की मुख्य सड़क पर मिट्टी डालकर बांध बनाने लगे हैं। यहां से बाढ़ का पानी दूसरे गांवों में जा सकता है।

हरियाणा राज्य के 16 शहरों में येलो अलर्ट लगाया गया है। इनमें बापौली, घरौंडा, करनाल, इंद्री, रादौर, पानीपत, नीलोखेड़ी, थानेसर, शाहबाद, अंबाला, कालका, बराड़ा, जगाधरी, छछरौली, नारायणगढ़ और पंचकुला हैं। 40 से 60 km/h की रफ्तार से हवाएं भी चलेंगी।

सिरसा में रंगोई नहर के कारण 2 बांध बनाया जा रहा है। जैसे ही पानी नेशनल हाईवे 9 पर पहुंचा, सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि सिरसा में किसानों के बीच पहुंच गए। किसानों ने उनके खिलाफ बहुत नारा लगाया। नेताओं को बोलने का मौका नहीं मिला। भाजपा सरकार के खिलाफ किसानों ने जमकर नारेबाजी की। विरोध देखते ही नेता चुपचाप वापस चले गए।

CM मनोहर लाल खट्टर आज फतेहाबाद, सिरसा और करनाल का दौरा करेंगे। वह बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति को देखेंगे। पंचकुला में पिछले 24 घंटों में सबसे अधिक 71.5 मिमी बारिश हुई है।

सुबह से हरियाणा के कई जिलों में बारिश

IMD ने कहा कि सुबह से हरियाणा के कई जिलों में बारिश हो रही है, और कई जिलों में अगले कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। करनाल क्षेत्र में सुबह से सबसे अधिक 44 मिमी बारिश हुई है। इसके बाद पंचकुला में 30.5 मिलीमीटर और यमुनानगर में 17.5 मिलीमीटर बारिश हुई। सिरसा में 0.5 मिमी बारिश हुई।

दोपहर तक आईएमडी ने यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, नरवाना, करनाल, राजौरी, असंद, सफीदों, पानीपत और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की अनुमान लगाया है। फिलहाल, पानीपत पर बादल छाए हुए हैं और हवाएं चल रही हैं।

जीटी रोड बेल्ट में बादल छाए हुए हैं, लेकिन सोनीपत के कुछ हिस्सों में सुबह से ही तेज धूप है। बादलों के बीच से जींद में सूरज कुछ समय पहले तक हल्के से चमक रहा था।

घग्गर नदी का मुख्य बांध टूटा

सिरसा में घग्गर का मुख्य बांध

गुरुवार को मत्तड़ गांव के पास तटबंध टूट गया था। बांध की पटरी 20 फीट की थी, लेकिन सिर्फ 5 फीट बची। बांध को मजबूत करने के लिए मिट्टी दूर से लाना मुश्किल था। बांध के किनारे के दो किसानों ने फिर अपने दस एकड़ के धान के खेतों से मिट्टी निकाली।

ग्रामीणों ने निरंजन सिंह और किसान काला सिंह की पांच-पांच एकड़ जमीन से मिट्टी निकालकर तटबंध को मजबूत किया। दोनों खेतों से दस फीट मिट्टी निकाली गई।

दामाद मरने के बाद भी किसान ने बांधा तटबंद

गुरुवार को किसान निरंजन सिंह के दामाद का निधन हो गया। उस समय वे अपने दामाद के घर शोक मनाने गये थे, लेकिन जब वे पता चला कि बांध टूटने वाला था, वे वहां से चले गये और वापस बांध पर आ गये।

बांध का पानी देखकर मुझे बहुत दुःख हुआ, लेकिन मैंने अपनी पांच एकड़ की फसल से मिटटी उठायी , हजारों एकड़ की फसल को डूबने से बचाया और किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया।

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